Income Tax Return: इन लोगों को ITR भरने में मिली बड़ी राहत, 30 नवंबर तक बढ़ी डेट
इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने वालों को आयकर विभाग ने बड़ी राहत दी है। विभाग ने कंपनियों के लिए ITR फाइल करने की डेटलाइन को आगे बढ़ाते हुए 30 नवंबर कर दिया है। हालांकि ये छूट आम करदाताओं के लिए नहीं है। वहीं ऐसी कंपनियां जिन्हें अपने खातों को ऑडिट कराने की जरूरत होती है, उनके लिए ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) जमा करने की डेट लाइन 31 अक्टूबर कर दी गई है। सरकार के इस फैसले से बड़ी संख्या में बड़े टैक्सपेयर्स, ट्रस्ट, संस्थानों और हॉस्पिटल्स को राहत मिलेगी।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया बयान
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से एक बयान जारी किया गया है। जिसमें ट्वीट के जरिए जानकारी दी गई कि 'वित्त वर्ष 2022-23 के लिए फॉर्म 10बी/10बीबी दाखिल करने की ड्यू डेट 31.10.2023 तक बढ़ा दी है। निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए फॉर्म आईटीआर-7 में आईटीआर जमा करने की ड्यू डेट भी 30.11.2023 तक बढ़ा दी गई है।' इसके अलावा सर्कुलर नंबर 16/2023 तारीख 18.09.2023 को जारी किया गया है। आप इस लिंक https://incometaxindia.gov.in/communications/circular/circular_no_16_2023.pdf पर डिटेल्स चेक कर सकते हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने ITR फाइल करने वालों के लिए पहले भी डेट बढ़ाई थी। पहले ITR भरने के लिए 31 अक्टूबर की डेट तय की गई थी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आंकलन वर्ष 2023-24 के लिए फॉर्म आईटीआर-7 में आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 31 अक्टूबर, 2023 से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2023 कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इससे सैकड़ों कंपनियों और स्टॉर्ट अप को राहत मिलेगी।
इतने टैक्सपेयर ने किया ITR फाइल
आयकर विभाग के मुताबिक, सितंबर महीने तक करीब 6.98 करोड़ टैक्सपेयर्स ITR फाइल कर चुके हैं। इनमें से करीब 3 करोड़ टैक्सपेयर्स को विभाग की तरफ से रिफंड भी
जारी किया जा चुका है। वहीं जिन टैक्सपेयर्स ने 31 जुलाई तक ITR फाइल नहीं किया है, उन्हें बिलेटेड आइटीआर दाखिल करने का मौका दिसंबर तक दिया गया है।
ई-फाइलिंग डेस्क का किया गठन
इसके अलावा टैक्सपेयर्स की तरफ से रिटर्न जमा करने में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए और अन्य तरह की सहायता के लिए इनकम टैक्स विभाग की ओर से ई-फाइलिंग डेस्क का गठन किया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.29 फीसदी बढ़कर 9.87 लाख करोड़ रुपये है, जोकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.34 लाख करोड़ रुपये था।