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Himachal Pradesh Rain: भारी बारिश के चलते 4 जिलों में रेड अलर्ट, प्रभावित इलाकों को खाली करने का आदेश

रेड अलर्ट चेतावनी कांगड़ा, कुल्लू के कुछ हिस्सों के लिए थी. आईएमडी रेड अलर्ट के बाद, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से रात के दौरान यात्रा न करने की अपील की उन्होंने भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों में...
 

Himachal Pradesh Rain Alert: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को रेड अलर्ट जारी करते हुए अगले 24 घंटों के लिए राज्य के 12 जिलों में से चार में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. रेड अलर्ट चेतावनी कांगड़ा, कुल्लू के कुछ हिस्सों के लिए थी. आईएमडी रेड अलर्ट के बाद, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से रात के दौरान यात्रा न करने की अपील की उन्होंने भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने के लिए कहा.

इन इलाकों में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, मंडी, हमीरपुर, सोलन, बिलासपुर और कुल्लू जिलों में मध्यम से उच्च बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी है.
कई जिलों में अभी भी भारी बारिश जारी है. राज्य के कई हिस्सों में रात भर भारी बारिश हुई, बिलासपुर में 181 मिमी, बरथिन में 160 मिमी, शिमला में 132 मिमी, मंडी में 118 मिमी, सुंदरनगर में 105 मिमी, पालमपुर में 91 मिमी, सोलन में 77 मिमी बारिश हुई. शिमला, मंडी और सोलन जिलों में बुधवार से दो दिनों के लिए सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.

आईएमडी ने 24 अगस्त को राज्य के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया और भविष्यवाणी की कि गुरुवार को राज्य में 115.6 से 204.4 मिमी तक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग ने भूस्खलन और स्थानीय बाढ़ की भी भविष्यवाणी की है और लोगों से कमजोर संरचनाओं से दूर रहने का आग्रह किया है.

क्या बोले  मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 

वर्तमान मानसून के दौरान पारिस्थितिकी तंत्र के खतरनाक परिवर्तन पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है, जिसमें अत्यधिक भारी वर्षा और भूस्खलन देखा गया, जिससे ब्यास नदी बेसिन और कुल्लू, मंडी कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में इसकी सहायक नदियों के अलावा जिला कांगड़ा में चक्की नदी में तबाही मची. यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है. इसमें कहा गया है कि यह निर्णय मानव बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करेगा। हालांकि वैध खनन का पट्टा रद्द नहीं किया गया है.