{"vars":{"id": "108938:4684"}}

नीतीश कुमार को झटका! मल्लिकार्जुन खरगे को 'INDIA' गठबंधन का संयोजक बनाने की तैयारी

Convenor of INDIA Alliance: अब तक नीतीश कुमार को 'INDIA' गठबंधन के संयोजक बनाए जाने के शुरू से कयास लग रहे थे, लेकिन अब खबर है कि उनकी बजाए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संयोजक बनाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरे प्रमुख दलों के 11 नेताओं को सह-संयोजक की जिम्मेदारी मिल सकती है।
 

Convenor of INDIA Alliance: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिरता दिख रहा है। जहां उन्होंने भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं अब उनकी यह मेहनत बेकार होती दिख रही है। दरअसल, अब तक नीतीश कुमार को 'INDIA' गठबंधन के संयोजक बनाए जाने के शुरू से कयास लग रहे थे, लेकिन अब खबर है कि उनकी बजाए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को संयोजक बनाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरे प्रमुख दलों के 11 नेताओं को सह-संयोजक की जिम्मेदारी मिल सकती है।

मुंबई में हो सकता है ऐलान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली मीटिंग में INDIA गठबंधन के नए संयोजक का ऐलान किया जा सकता है। इसके अलावा INDIA गठबंधन के लोगों का अनावरण भी किया जा सकता है और दिल्ली में मुख्यालय स्थापित करने की घोषणा भी की जा सकती है।

खरगे के नाम की हो रही चर्चा

जहां शिवसेना और अन्य पार्टियां नीतीश कुमार को गठबंधन के संयोजक बनाना चाहती हैं। वहीं जेडीयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने संयोजक बनने की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है। उनकी ओर से कांग्रेस से कहा गया है कि वह अपनी पार्टी से ही किसी नेता को संयोजक बनाए। ​इसके बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर कयास लगाए जाने लगे। नीतीश कुमार का कहना है कि वह सिर्फ एकता के लिए काम करना चाहते हैं। उनकी संयोजक बनने की कोई मंशा नहीं है।

स्वराज अभियान ने कसा तंज 

उधर, नीतीश कुमार के संयोजक बनने से पीछे हटने पर स्वराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पास बिहार में पैर रखने के लिए जगह नहीं है और वह देश में अपनी राजनीति करने चले हैं। उन्होंने कहा, 'नीतीश जी की अपनी हालत खराब है। अपने ही राज्य में उनके पास पैर रखने का ठिकाना नहीं है। वह देश में क्या करेंगे। यदि एकता की बात करेंगे तो बड़ी पार्टियां अपने स्तर पर कर सकती हैं।'