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Manipur Violence: CBI की 'स्पेशल 53' टीम करेगी हिंसा की जांच, 29 महिला अफसर भी शामिल

Manipur Violence:मणिपुर हिंसा की जांच के लिए बुधवार को विभिन्न रैंक के 53 अधिकारियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। लिस्ट में दो महिला डीआईजी रैंक की अधिकारी समेत 29 महिला अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।
 

मणिपुर (Manipur Violence) में पिछले कई महीनों से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा को लेकर आग सुलग रही है। इस मामले में अब सीबीआई की 'स्पेशल 53' टीम जांच करेगी। इसके लिए बुधवार को विभिन्न रैंक के 53 अधिकारियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। लिस्ट में दो महिला डीआईजी रैंक की अधिकारी समेत 29 महिला अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। जाहिर है कि राज्य में अब तक हुई हिंसा और महिलाओं के साथ अत्याचार मामले में 65 हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जिनमें से 11 मामलों की जांच सीबीआई करेगी। 

जांच में तीन उप महानिरीक्षक भी शामिल

बता दें कि सीबीआई की 'स्पेशल 53' टीम में तीन उप महानिरीक्षक लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता शामिल हैं। ये तीनों राज्य में हिंसा के मामलों की जांच के लिए टीमों का नेतृत्व करेंगे। जाहिर है कि केंद्र और मणिपुर सरकार ने इन मामलों को मणिपुर पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने की बात सुप्रीम कोर्ट में मान ली थी। जिसके बाद ही सीबीआई की 'स्पेशल 53' टीम बनाई गई है।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में किया था जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से ध्वाजारोहण किया था। जिसके बाद उन्होंने अपने भाषण में मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि, 'पिछले दिनों में मणिपुर में हिंसा का दौर चला। मां-बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ हुआ, लेकिन आज वहां स्थिति सामान्य हो रही। शांति लौट रही। केंद्र और राज्य सरकार शांति बहाली के लिए काम कर रही है। देश मणिपुर के लोगों के साथ है।' पीएम ने आगे कहा था कि 'केंद्र और राज्य सरकार मिलकर समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।' 

मणिपुर में 3 मई से लगातार जारी है हिंसा 

मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा की आग भड़की थी। जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि कई घायल हुए। राज्य में बहुसंख्यक मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था। इसके बाद से ही मैतेई और कुकी समुदाय के बीच मामला गर्मा गया। बता दें कि मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जबकि कुकी और नागा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से ज्यादा है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।