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Parliament Session: नेहरू के भाषण की गूंज प्रेरित करती रहेगी.. जानें प्रधानमंत्री के संबोधन की 10 बड़ी बातें

Parliament Special Session: लोकसभा में चर्चा के दौरान पीएम ने संसद के 75 साल के इतिहास की खट्टी-मीठी यादों को देश के सामने रखा। उन्होंने पहली बार जब संसद में एंट्री की थी, उस क्षण को याद किया तो वहीं जवाहर लाल नेहरू समेत देश के अब तक के प्रधानमंत्रियों के लिए गए बड़े फैंसलों का जिक्र किया।
 
 

PM Modi Speech: पुराने संसद भवन में आज 18 सितंबर से मोदी सरकार का पहला विशेष सत्र शुरू हुआ। पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से हुई। जहां उन्होंने सबसे पहले चंद्रयान 3 और जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता पर पूरे देशवासियों को बधाई दी।लोकसभा में चर्चा के दौरान पीएम ने संसद के 75 साल के इतिहास की खट्टी-मीठी यादों को देश के सामने रखा। उन्होंने पहली बार जब संसद में एंट्री की थी, उस क्षण को याद किया तो वहीं जवाहर लाल नेहरू समेत देश के अब तक के प्रधानमंत्रियों के लिए गए बड़े फैंसलों का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में इमरजेंसी, कैश फॉर वोट, आरक्षण और धारा 370 का जिक्र भी किया। साथ ही जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह की तारीफ की। आइए जानते हैं उनके भाषण की 10 बड़ी बातें...

संसद के 75 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की पुरानी यादों को ताजा किया। उन्होंने उस पल को याद किया, 'जब मैं पहली बार सांसद के तौर पर इस भवन में आया तो सफल रूप से मैं इस संसद भवन की पटल पर अपना सिर झुकाकर आया था। इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धाभाव से मैंने कदम रखा था। भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेल प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब संसद पहुंच गया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मुझे इतना सम्मान देगा।'

'चंद्रयान 3 और जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र'

पीएम मोदी ने लोकसभा में भारत के मिशन चंद्रयान 3 की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने देश के सभी वैज्ञानिक दी और जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जी20 की सफलता किसी एक व्यक्ति और पार्टी की नहीं है, बल्कि पूरे भारत देश का है। पीएम ने कहा कि हम भले ही नई इमारत में जा रहे हैं, लेकिन यह इमारत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी संसद के आखिरी दिन की स्पीच में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की 'मिडनाइट' स्पीच का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सदन में पंडित नेहरू के भाषण की गूंज हमेशा ही हम सभी को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान 'कैश फॉर वोट' स्कैम भी देखा गया। इसके अलावा पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी जी के ऐतिहासिक बयानों का जिक्र किया। 

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान संसद भवन में हुए आतंक हमले की घटना का जिक्र  किया। उन्होंने कहा कि 'जब ससंद पर आतंकी हमला हुआ था तो यह हमला किसी इमारत पर नहीं बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था। उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता। मैं उन लोगों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए संसद और उसके सभी सदस्यों की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोलियां खाईं।'

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास का मंत्र, अनेक ऐतिहासिक निर्णय, दशकों से लंबित विषय और उनका समाधान भी इसी सदन में हुआ। धारा 370 से लेकर वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय भी इसी सदन ने किया। 'वन रैंक, वन पेंशन' भी इसी सदन ने देखा। गरीबों के लिए 10% आरक्षण बिना किसी विवाद के इसी सदन में हुआ।'

लोकसभा में अपनी आखिरी स्पीच देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'हम नई संसद में नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं इस धरती को इस सदन को प्रणाम करता हूं। पिछले 75 साल में भारत के लोकतंत्र को नया सामर्थ देने वालो को प्रणाम करता हूं।'

'इसी भवन में दो साल 11 महीने तक बैठकें हुईं'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया। हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है।

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संसद को कवर करने वाले पत्रकारों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब मैं उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं, जिन्होंने पूरा जीवन संसद के काम को रिपोर्ट करने में लगा दिया। यह पत्रकार एक तरह से जीवंत साक्षी रहे हैं। उन्होंने सदन में हुई बैठकों की पल-पल की जानकारी को देश तक पहुंचाया है। सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं, भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होंने अपनी शक्ति खपा दी।

'रक्षा करने वाले सुरक्षा कर्मियों का भी किया जिक्र'

इस दौरान प्रधानमंत्री ने सदन और सदस्यों की रक्षा करने वाले सुरक्षा कर्मियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 'आतंकियों से लड़ते-लड़ते सदन और सदन के सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनको भी नमन करता हूं। वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी रक्षा की है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस संसद से विदाई लेना बहुत भावुक पल है। उन्होंने कहा कि 'संसद को कवर करने वाले पत्रकारों का भी जिक्र'अब हम सब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है। हम सभी के मन और मस्तिष्क में अनेक यादों के भंडार हैं। सदन में कुछ खट्टे-मीठे अनुभव हुए। नोक-झोंक भी रही। हम सबकी साझी स्मृतियां हैं। इसका गौरव भी हम सबका साझा है।'