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Shashi Tharoor ने चीन के मानचित्र विवाद पर जयशंकर के मिलाए सुर में सुर, बोले  'हम शुरुआत क्यों न करते?'

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मैप में किए गए दावों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि बीजिंग ने पहले भी ऐसे मैप जारी किए हैं.
 

China Standard Map: वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को तिब्बत से आने वाले चीनी पासपोर्ट धारकों को स्टेपल्ड वीजा जारी करने और बीजिंग द्वारा अपने तथाकथित स्टैण्डर्ड मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा करने के जवाब में  वन-चाइना  नीति का समर्थन बंद करने का सुझाव दिया.

विदेश मंत्री ने दावों को बताया फर्ज़ी 

भारत ने मंगलवार को चीन के नए मैप  को लेकर उसके समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि इस तरह के कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मैप में किए गए दावों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि बीजिंग ने पहले भी ऐसे मैप जारी किए हैं जिनमें उन क्षेत्रों पर दावा किया गया है जो उनके नहीं हैं और यह चीन की  पुरानी आदत है.

उन्होंने कहा यह कोई नई बात नहीं है. इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। इसलिए केवल उन क्षेत्रों का दावा करने वाला एक नक्शा पेश करने से जिनमें से कुछ क्षेत्र भारत का हिस्सा हैं.. मुझे लगता है कि इससे  कुछ भी नहीं  बदलता है. ये काफी हद तक भारत का  हिस्सा हैं, उन्होंने एनडीटीवी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मैप  पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा.

जयशंकर ने कहा, हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे क्षेत्र क्या हैं. यह सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए क्या करने की आवश्यकता है. आप इसे हमारी सीमाओं पर देख सकते हैं. मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता. इस पर बहुत स्पष्ट रहें.

क्या बोले कांग्रेस नेता शशी थरूर

कंट्रोवर्सिअल मैप  पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा, 'इसलिए हमने चीन की नवीनतम नाराजगी, अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताने वाला एक और मैप जारी करने का विरोध किया है.

उन्होंने कहा हां जयशंकर सही हैं, यह उनकी पुरानी आदत है. हमारे विरोध को नजरअंदाज करना भी उनकी आदत है. तो क्या हम इसे वहीं छोड़ने जा रहे हैं? कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा 'क्या हम अपनी नाराजगी दिखाने के लिए और कुछ नहीं कर सकते? हम तिब्बत से आने वाले चीनी पासपोर्ट धारकों को स्टेपल वीजा जारी करना क्यों शुरू नहीं करते? और एक चीन नीति के लिए अपना समर्थन व्यक्त करना बंद करें?”