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ये हैं भारत के 5 खूंखार डकैत, ​जिनके नाम से ही थर्राती थी जनता और पुलिस

Dreaded Dacoits in India : आज भी चंबल के डकैतों को लेकर लोगों के मन में खौफ रहता है। इन डकैतों ने जनता ही नहीं बल्कि पुलिस की नाक में भी दम कर रखा था। आइए जानते हैं इनके बारे में...
 

Dreaded Dacoits in India : एक समय था जब भारत में कई डकैत हुआ करते थे। इनमें से कई इतने चर्चित थे कि उनपर फिल्में तक बन चुकी हैं। आज भी जब इन डकैतों की बात आती है तो सबसे पहले जहन में चंबल घाटी का नाम आता है। लोगों में आज भी चंबल के डकैतों को लेकर खौफ है। इन डकैतों ने जनता ही नहीं बल्कि पुलिस की नाक में भी दम कर रखा था। आज हम आपको कुछ ऐसे ही डकैतों से रूबरू कराएंगे। 

फूलन देवी 

सबसे पहले बात करते हैं फूलन देवी की जिनका खौफ उस समय हर किसी के जहन में दिखने लगा जब उन्होंने एक ही गांव के 21 ठाकुरों को लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी। फूलन देवी पर 22 कत्ल, 30 लूटपाट और 18 अपहरण के मुकद्दमे चलाए गए। हालांकि साल 1996 में फूलन ने राजनीति में कदम रखा और सपा की मिर्ज़ापुर की सीट से सांसद बनीं। लेकिन 25 जुलाई 2001 को उनके आवास के सामने ही शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी।

वीरप्पन

वीरप्पन ने 17 साल की उम्र में पहली बार एक हाथी का शिकार किया था। इसके बाद 30 साल की उम्र तक उसने सैकड़ों जानवरों की हत्या की। इसके बाद वीरप्पन चंदन तस्कर भी बन गया। इसी दौरान वीरप्पन ने कन्नड़ अभिनेता राजकुमार का अपहरण कर लिया था। वीरप्पन पर 2000 से अधिक हाथियों और 184 लोगों को मारने का आरोप था। उसकी मौत 18 अक्टूबर 2004 को एक एनकाउंटर में हुई। 

मान सिंह राठौर

मान सिंह राठौर की कहानी बिल्कुल किसी फिल्म के जैसी है। गांव के साहूकारों ने उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा किया। विरोध करने पर उनके बेटे को मार डाला। जब मान सिंह ने कानूनी लड़ाई सोची तभी उनके परिवार के 11 सदस्यों की हत्या कर दी गई। इसके बाद उन्होंने ​हथियार उठा लिए। उन्होंने एक-एक करके ग़रीबों को सताने वालों की हत्या कर दी। सन 1939 से 1955 तक मान सिंह और उसके गिरोह के नाम 185 हत्याओं, 1112 लूट के मामलों के साथ 32 पुलिस वालों की हत्याओं के मामले दर्ज हो चुके थे। 1955 में भारतीय सेना के जवानों ने मान सिंह मार गिराया था। मध्यप्रदेश के खेरा राठौड़ इलाक़े में मान सिंह डकैत का एक मंदिर है, जहां उसकी पूजा की जाती है। 

भूपत सिंह चौहान

गुजरात के काठियावाड़ का रहने वाले डकैत भूपत सिंह चौहान ने अपने दोस्त राणा भगवान डांगर की बहन के बलात्कारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये उसका पहला क़त्ल था। इसके बाद इन दोनों ने ख़ुद का एक गिरोह बना लिया। कुछ ही समय में भूपत और उसकी गैंग के नाम 87 हत्याओं के साथ 8 लाख रुपये से अधिक की लूट दर्ज हो गई। भूपत लूट के माल को ग़रीबों में बांट दिया करता था। इस दौरान उसने कई ग़रीब लड़कियों की शादी करवाई। भूपत डकैत ग़रीबों के लिए मसीहा, जबकि अमीरों के लिए काल था। 

जगजीवन परिहार

डकैत जगजीवन परिहार के आतंक का डंका कुछ ही समय में पूरी चंबल घाटी में बजने लगा था। वह मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस का इनामी डकैत बना गया। 14 मार्च, 2007 को सरगना जगजीवन परिहार और उसके गिरोह के 5 डाकुओं को मध्यप्रदेश के मुरैना एवं भिंड जिला पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में मार गिराया था।