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दिमाग के अलावा इस बॉडी पार्ट को नुकसान पहुंचाता है मोबाइल, भूलकर भी ऐसे न करें चार्ज

Side Effects of Mobile: अक्सर लोग मोबाइल फोन को चार्जिंग के लिए तकिए के नीचे या फिर आसपास में लगाकर छोड़ देते हैं। जिससे उनका फोन सुबह फुल चार्ज मिले। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना कितना खतरनाक हो सकता है।
 

आजकल मोबाइल जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। इसके बिना गुजारा करना काफी मुश्किल सा हो गया है। कहना गलत नहीं होगा कि मोबाइल ने लोगों को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है। कुछ लोग तो दिन और रात बस स्मार्टफोल में ही लगे रहते हैं। जिससे उनकी सेहत पर भी काफी नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपने मोबाइल फोन को चार्जिंग के लिए तकिए के नीचे या फिर आसपास में लगाकर छोड़ देते हैं। जिससे उनका फोन सुबह फुल चार्ज मिले। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना कितना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यही आदत शरीर के कई अंगों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। जो न सिर्फ आपके दिमाग बल्कि अन्य बॉडी पार्ट के लिए भी खतरा बन रही है। जानें क्या...

ब्रेन डेमैज कर सकता है फोन 

अगर आप भी उनमें से हैं, जे अपना मोबाइल फोन तकिए के नीचे चार्जिंग पर लगाकर छोड़ देते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। क्योंकि बिस्तर पर तकिए के नीचे मोबाइल फोन रखने से ब्रेन डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा करना बच्चों के लिए और ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि बच्चों के सिर के स्कैल्प और स्कल अधिक पतले होते हैं। वहीं मोबाइल की रेडिएशन कैंसर और ट्यूमर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकता है। इसलिए जितना हो मोबाइल से दूरी बनाए रहें। 

बढ़ जाता है बांझपन का खतरा 

आपको बता दें कि स्मार्टफोन का सिर्फ दिमाग पर ही नहीं बल्कि यौन शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन से निकला रेडिएशन प्रजनन पर बुरा असर डालता है। जिससे शुक्राणु में कमी आने लगती है। यानी कि जब पुरुष हमेशा अपनी जेब में मोबाइल फोन रखते हैं तो उनके शुक्राणु में कमी आने का खतरा बढ़ जाता है। 

मेटाबॉलिज्म को करता है प्रभावित 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, तकिए के पास या सिर के पास मोबाइल रखकर सोने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। क्योंकि फोन से निकलने वाले रेडिएशन शरीर को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। वहीं जब आप मोबाइल को सिर के पास चार्ज पर लगाकर सोते हैं तो  फोन से निकलने वाली रेडियो फ्रिक्वेंसी मेटाबॉलिज्म को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। इसलिए कोशिश करें कि सोने के दौरान मोबाइल को शरीर से करीब 3 फीट दूर रखकर सोएं।