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Shani sade sati: शनि की साढ़ेसाती का बुरा नहीं बल्कि पड़ेगा अच्छा प्रभाव, करना होगा केवल ये काम

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिस भी व्यक्ति की राशि में शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रभाव होता है, व्यक्ति के जीवन में अक्सर बुरा घटित होता है.
 

Shani sade sati: शनि देव जिन्हें न्याय प्रिय देवता कहा जाता है. हिंदू धर्म में शनि देव की उपासना के लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है. शनि देव को लेकर कहा जाता है कि शनिदेव जिस भी व्यक्ति से नाराज हो जाएं, तो उस व्यक्ति के जीवन में हमेशा सब कुछ बुरा होता रहता है.

इस वजह से शनि देव की दृष्टि का हर व्यक्ति के जीवन में असर अवश्य पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिस भी व्यक्ति की राशि में शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रभाव होता है, व्यक्ति के जीवन में अक्सर बुरा घटित होता है. इस वजह से हर व्यक्ति शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैया का शिकार होने से बचना चाहता है, लेकिन शनि देव जब भी किसी राशि में गोचर करते हैं.

तब ज्योतिष के अनुसार कुछ एक राशियों पर उनका प्रभाव अवश्य पड़ता है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको शनिदेव की साढ़ेसाती से बचने के कुछ एक उपाय बताने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं... 

शनिदेव की साढ़ेसाती को दूर करने के उपाय

  •  शनि की साढ़ेसाती किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 3 चरणों में मौजूद होते हैं. जिसके बारे में जानने के बाद ही आप शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय समझ सकेंगे.
  •  ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार जब शनि देव आपकी जन्म राशि से एक नंबर पहले राशि में मौजूद होते हैं, तब आपकी राशि में शनिदेव की साढ़ेसाती का पहला चरण आरंभ होता है. इस दौरान आपके जीवन में अनियमित खर्च और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है. इसके साथ हुई कार्यक्षेत्र में आपको काफी सारे विवाद का सामना भी करना पड़ता है.
  •  इस प्रकार जब शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा हो, तब आपको धैर्य और समझदारी से काम लेने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही आपको दिव्यांग व्यक्तियों का इलाज या उपचार कराने से शनि की साढ़ेसाती के प्रथम चरण के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलता है.
  •  जब शनिदेव स्वयं आपकी जन्म राशि में गोचर कर रहे होते हैं, तब इसे शनिदेव की साढ़ेसाती का दूसरा चरण कहा जाता है. जिस वजह से आपको अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान यदि आप किसी व्यक्ति को धोखा देते हैं या किसी के खिलाफ कोई साजिश रचते हैं, तो शनिदेव की साढ़ेसाती आपके जीवन पर बुरा प्रभाव डालते हैं. इस दौरान आपको अच्छे कर्म करने चाहिए और नि:स्वार्थ भाव से एक दूसरे की सहायता करने का प्रयास करना चाहिए. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती के द्वितीय चरण का आप पर बुरा प्रभाव कम होने लगता है.
  •  जब शनिदेव आपकी जन्म राशि से अगली राशि में मौजूद होते हैं, तब आपको धन हानि का सामना करना पड़ता है. इस दौरान आपको अपना कार्य बेहद ईमानदारी के साथ करना चाहिए और किसी भी व्यक्ति को परेशान करने से बचना चाहिए. जिससे शनिदेव की साढ़ेसाती का अंतिम चरण आपके जीवन पर अधिक प्रभाव न डाल सकें.

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