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चंद्रयान 3 के बाद जापान ने लॉन्च किया मून मिशन, X-ray टेलिस्कोप वाला रॉकेट किया रवाना

Japan Moon Sniper: जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने गुरुवार को अपना 'मून स्नाइपर मिशन' (Moon Sniper Mission) लॉन्च किया है। इसे सुबह 8.42 बजे H2-A रॉकेट जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है।
 

भारत के चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अन्य देश भी इसरो की राह पर चलते हुए अपने मून मिशन को लॉन्च कर रहे हैं। पहले रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 (Luna-25 Mission) लॉन्च किया था। हालांकि यह मिशन फेल हो गया था। वहीं अब जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने गुरुवार को अपना 'मून स्नाइपर मिशन' (Moon Sniper Mission) लॉन्च किया है। इसे सुबह 8.42 बजे (भारतीय समय 5.12) H2-A रॉकेट जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है। इसके चंद्रमा लैंडर को ले जाने वाला रॉकेट H-IIA से लॉन्च किया गया। जो 3-4 महीने में चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंचेगा। जिसके अगले साल जनवरी महीने में लैंड होने की उम्मीद की जा रही है। 

यहां जानें मिशन की ​खासियत

बता दें कि जापान का यह मून स्नाइपर मिशन स्पेशली ब्रह्मांड के विकास की जांच के लिए बनाया गया है। जिसमें एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह के अलावा एक स्मार्ट लैंडर को भी भेजा गया है। यह चांद की सतह पर सफल तरीके से लैंड होने की कोशिश करेगा। लैंडर को जापान की स्पेस एजेंसी ने अपने सबसे भरोसेमंद H2-A रॉकेट के साथ चांद पर भेजा है। इसमें हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगाए गए हैं। जिस जगह पर इसे लैंड करना है, ये बिल्कुल उसी स्पॉट पर उतरेगा और वहां से जानकारी एकत्र करेगा। 

दो स्पेस मिशन ले जा रहा रॉकेट

जापान ने रॉकेट के जरिए दो अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजने के लिए लॉन्च किया है। इसमें पहला एक्स-रे टेलीस्कोप है और दूसरा एक हल्का चंद्रमा लैंडर है। यह टेलीस्कोप सुबह 8.56 बजे रॉकेट से अलग हुआ जबकि चंद्रमा लैंडर 9.29 बजे अलग हुआ। जाहिर है कि भारत के चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद अब जापान के स्लिम लैंडर पर दुनिया की नजरें हैं। रडार से लैस स्लिम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा।

चीन के अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरा

उधर, दूसरी ओर चीन ने भी अपने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरा कर लिया है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक जापानी स्पेस पॉलिसे एक्सपर्ट काजुटो सुजुकी ने कहा, ‘यह जापानी अंतरिक्ष समुदाय के लिए निर्णायक क्षण है।’ गुरुवार को हुई लॉन्चिंग विश्व स्तर पर चंद्रमा के एक्सप्लोरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस मिशन की सफलता जापान को प्रथम श्रेणी के ग्रुप में शामिल करेगी।