इनकम टैक्स भरने वालों को कम देना होगा टैक्स, जानें किसे मिलेगी कितनी राहत

Income Tax: आईटी डिपार्टमेंट ने रेंट-फ्री अकोमोडेशन से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है। यह बदलाव 1 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर नियमों में संशोधन पहले ही अधिसूचित कर चुका है।
 
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रेंट फ्री हाउस के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नौकरीपेशा लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है। जिसके जरिए जिन कर्मचारियों को उनकी कंपनी की ओर से किराया-मुक्त आवास दिया गया है, वह अब ज्यादा बचत के साथ ज्यादा सैलेरी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आईटी डिपार्टमेंट ने रेंट-फ्री अकोमोडेशन (Rent-Free Accommodation) से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है। यह बदलाव 1 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर नियमों में संशोधन पहले ही अधिसूचित कर चुका है।

नए नियम में हुए ये बदलाव

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारी, जो कंपनी के मालिकाना हक वाले घर में रहते हैं उनके वैल्यूएशन के मूल्यांकन में अब बदलाव किया गया है। बता दें कि इनकम टैक्स ने कंपनी की तरफ से कर्मचारियों को दिए गए रेंट फ्री आवास का मूल्यांकन करने के लिए नियम में बदलाव किया गया है।  

एचआरए वेतन का 10 फीसदी

नए नियम के मुताबिक, जिन कर्मचारियों को निशेक्तता की तरफ से रहने के लिए अन-फर्निश्ड आवास दिए जाते हैं और उन आवासों का मालिकाना हक कंपनी के पास होता है, उनका वैल्यूएशन अब अलग तरीके से होगा। इसके अलावा जिन शहरी क्षेत्रों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक, 40 लाख से काफी ज्यादा है, वहां एचआरए वेतन का 10 फीसदी होगा। इससे पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 15 फीसदी था। 

अब हो सकेगी ज्यादा बचत 

एकेएम ग्लोबल टैक्स पार्टनर के अमित माहेश्वरी का कहना है कि 'ऐसे कर्मचारी जो पर्याप्त वेतन ले रहे हैं और नियोक्ता से मिले आवास में रह रहे हैं, वे अब ज्यादा बचत करने में सक्षम होंगे। क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका टैक्सेबल बेस अब कम होने जा रहा है। ऐसे में उनके घर का मूल्य कम होगा और सैलरी में भी बढ़ोतरी होगी।'

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