Aditya L1 Solar Mission: सूर्य की ओर बढ़े भारत के कदम, लॉन्च हुआ मिशन आदित्य एल-1

Aditya L1 Solar Mission Launch: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारत ने सूरज की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है। शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने अपना पहला सोलर मिशन लॉन्च किया है। आदित्य एल-1 ने श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से 11:50 बजे अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी है। बता दें कि लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। जिसके बाद Aditya-L1 अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा। दरअसल, भारत के इस पहले सौर मिशन के जरिए इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा।
#WATCH | The payload covering the ISRO's Aditya L1 spacecraft has been separated as it leaves Earth's atmosphere. Currently, the third stage is separated as per ISRO. pic.twitter.com/KbOY2fHSen
— ANI (@ANI) September 2, 2023
सूर्य तक पहुंचने में लगेंगे चार महीने
बता दें 'आदित्य-एल1' सूर्य का पहला मिशन है। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के कोरोना के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्थान पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। इसरो के इस मिशन को लैग्रेंजियन बिंदु-1 (एल1) तक पहुंचने में करीब चार महीने का समय लगेगा। बता दें कि लैग्रेंजियन बिंदु-1 वह स्थान है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल समान होता है।
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches India's first solar mission, #AdityaL1 from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh.
— ANI (@ANI) September 2, 2023
Aditya L1 is carrying seven different payloads to have a detailed study of the Sun. pic.twitter.com/Eo5bzQi5SO
आदित्य एल-1 का ये होगा काम
इसरो का मिशन आदित्य-L1 पहुंचने के साथ ही 16 दिनों तक पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाएगा। इस दौरान यह पांच कक्षा से होते हुए गुजरेगा, ताकि सही गति मिल सके। इसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा। यहां यहां से सूर्ययान की 109 दिन की यात्रा शुरू होगी। जिसके बाद आदित्य-L1 एक ऑर्बिट मैन्यूवर में पहुंचेगा।
सौर वायुमंडल में करेगा अध्ययन
जाहिर है कि आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। जिसे लॉन्च करने का मकसद सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना है। आदित्य- L1 सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं का अध्ययन करेगा। साथ ही सौर हवाओं के विभाजन और तापमान का अध्ययन करेगा। एक तरह से कह सकते हैं कि इस मिशन के जरिए सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास किया जाएगा।