Chandrayaan 3: दुनिया भर में हिंदुस्तान का सर गर्व से हुआ ऊंचा, सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड हुआ चंद्रयान

पिछली गलतियों को सुधारते हुए इस बार मिशन में कई सारे बदलाव किए गए हैं.‌ इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने बताया कि इस बार चंद्रयान में 80% बदलाव किए गए हैं.
 
Chandrayaan 3
Image: ISRO

Chandrayaan 3: जिस पल का पूरे भारत को इंतजार था आखिर वो पल आ ही गया. चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. इसरो ने ट्वीट कर चंद्रयान 3 के सफलतापूर्वक लैंड होने की सूचना दी है. लैंडिंग के लिए पूरे देश को बधाई भी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग एक ऐतिहासिक फल है. चंद्रयान सफल रहा और पूरे देश को इसकी बधाई. 

भारत ने बनाया इतिहास


चंद्रयान की सफलतापूर्वक लैंडिंग के साथ भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इसके साथ ही भारत अमेरिका चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सबसे फास्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका पूर्व सोवियत संघ और चीन चंद्रमा पर फास्ट लैंडिंग कर चुके हैं. चंद्रयान-3 की लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे और किसने सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग कर ली.

इसरो के अधिकारियों ने दी थी ये जानकारी 

इसरो के अधिकारियों ने बताया कि लैंडिंग के लिए लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर विक्रम पावर ब्रेकिंग की प्रक्रिया शुरू करेगा और अपने चार ट्रस्ट इंजन को रेट्रो फायर करके गति को धीरे-धीरे कम करना होगा और चंद्रमा की सतह पर पहुंचना होगा. अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा की लैंडिंग बिना किसी दुर्घटना के हो क्योंकि इसमें चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी काम करता है. वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर सिर्फ दो इंजन ही चलेंगे बाकी दो इंजन को बंद कर दिया जाएगा. जब चंद्रयान लगभग 150 या 100 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा तब लैंडर को सेंसर और कैमरे की मदद से सतह को स्कैन करना होगा ताकि सत्ता को अच्छे से जांचा  जा सके और लैंडिंग में कोई बाधा ना आए.

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