Women Reservation Bill से क्या होगा बदलाव, उमा भारती  विधेयक से क्यों नहीं हैं सहमत? 

इस बीच बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती महिला आरक्षण बिल के मौजूदा प्रारूप से सहमत नहीं हैं। उन्होंने इसका विरोध किया है। उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
 
Women Reservation Bill
Uma Bharti | X

Women Reservation Bill को लेकर बीजेपी सरकार इसको मास्टरस्ट्रोक समझ रही है। हालांकि विपक्ष इसकी कमियों को उजागर कर रहा है। लेकिन इस बीच बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती महिला आरक्षण बिल के मौजूदा प्रारूप से सहमत नहीं हैं। उन्होंने इसका विरोध किया है। उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर ओबीसी आरक्षण की मांग रखी है. 

उमा भारती ने महिला आरक्षण बिल का किया विरोध 

उमा भारती का कहना है कि महिला आरक्षण के बिल में SC-ST के साथ OBC महिलाओं को भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि- 'मुझे खुशी है कि महिला आरक्षण बिल रहा है लेकिन इस बात की कसक भी है कि यह बिना ओबीसी आरक्षणण के आया है. क्योंकि अगर हमने ओबीसी महिलाओं की भागीदारी नहीं की तो जो समाज हमेशा से हमपर भरोसा करते आया है, उसका भरोसा टूट जाएगा.' उन्होंने कहा पिछड़ों के हक की बात हमारा अधिकार है. लेकिन मौजूदा प्रारूप से पिछड़ों का भरोसा टूटेगा. दिल्ली में जो हुआ, उसके लिए आज से अभियान चलेगा. 

समाजवादी पार्टी ने उठाई OBC महिलाओं के आरक्षण की माँग 

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने भी OBC महिलाओं को आरक्षण की माँग उठा दी है। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं. अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे. ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं…सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए.” 

समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “महिला आरक्षण बिल पर हमारी हमेशा मांग रही है कि पिछड़े वर्ग की महिलाएं, उच्च जाति की पढ़ी-लिखी महिलाओं का सही तरीके से मुकाबला नहीं कर सकतीं. इसलिए उनके लिए कोटे के अंदर कोटा होना चाहिए. 

कांग्रेस ने बताया जुमला

वहीं, विपक्ष में कांग्रेस औरर बाकी दल इसको जुमला बता रहा है। कांग्रेस ने कहा है कि यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। इसने कहा है कि 'यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है। यह कुछ और नहीं बल्कि EVM - EVent Management है।

कांग्रेस ने कहा है कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा। कांग्रेस ने पूछा कि क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा? पार्टी न कहा है, "प्रधानमंत्री जी, आपसे और क्या उम्मीद की जा सकती है? यह बड़ा धोखा लाखों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों को चकनाचूर कर देता है।

कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी भी समझाई है। इसने कहा है कि यह बिल आज पेश जरूर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ऐसा क्यों? पार्टी ने कहा है, 'क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें कि 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई। आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। ख़बरों में कहीं 2027 तो 2028 की बात कही गई है।

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