Hindi diwas 2023: 14 सितंबर को क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस, जानें इस दिन से जुड़ी रोचक बातें
Hindi diwas 2023: हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस (Hindi diwas) के तौर पर मनाया जाता है. हिंदी दिवस वाले दिन स्कूल, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में कार्य हिंदी में किया जाता है. हिंदी हमारी राजभाषा के तौर पर जानी जाती है.
हिंदी दिवस वाले दिन सरकारी दफ्तरों और विद्यालयों में हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है. इस दौरान अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर हमारे आज के इस लेख में हम आपको हिंदी दिवस का इतिहास और इससे जुड़े रोचक तथ्य बताएंगे, तो चलिए जानते हैं...
हिंदी दिवस मनाने का कारण?
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को ही हिंदी को अपनाया था. इसी दिन हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था. तब से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.
हिंदी दिवस से जुड़े रोचक तथ्य
- विश्व भर में बोली जाने वाली सभी भाषाओं में हिंदी चौथे स्थान पर है.
- हिंदी शब्द फारसी के हिंद से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी.
- हिंदी का सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला शब्द नमस्ते है.
- हिंदी को सबसे पहले आधिकारिक भाषा का दर्जा वर्ष 1881 में बिहार ने दिया था.
- हिंदी की पहली पुस्तक 1805 में प्रेमसागर लल्लू लाल जी द्वारा लिखी गई थी.
- भारत के अलावा विश्वभर के करीब 175 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई और सिखाई जाती है.
- स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र में सबसे पहले 1977 में हिंदी में भाषण दिया था.
- हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें जैसा बोलते हैं उसी प्रकार से लिखते हैं.
- भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, फिजी, न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, जर्मनी मॉरीशस और बांग्लादेश में हिंदी बोली जाती हैं.
- हिंदी दिवस सबसे पहले साल 2006 में मनाया गया था.
- भारत के अलावा फिजी देश की अधिकारिक भाषा भी हिंदी है.
- संपूर्ण विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी को दसवीं सबसे शक्तिशाली भाषा कहा जाता है.
- संस्कृत को हिंदी की जननी कहा गया है, जिसका इतिहास करीब 5000 साल पुराना है.
- विश्व में करीब 60 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं.
- हिंदी का व्याकरण सभी भाषाओं के व्याकरण में सबसे कठिन माना जाता है.
- हिंदी भाषा का प्रयोग वेब पोर्टल पर यूआरएल बनाने के लिए भी किया जाता है.
- हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए तमाम कंपनियां और वेबसाइट हिंदी भाषा की तरफ रुख कर रही हैं
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