Noida: बिल्डरों के खिलाफ एक्शन में IT अधिकारी, ताबड़तोड़ की छापेमारी, जानिए क्या है वजह
गौतमबुद्ध नगर में दस्तावेजों में हेर-फेर, रेवेन्यू की चोरी करने वाले जालसाज बिल्डरों के खिलाफ छापेमारी की गई है। ये छापेमारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े ओरिस समूह और उससे संबंधित कंपनियों के परिसर में की गई है। इस दौरान इनकम टैक्स की छापेमारी में कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं।
दो दिनों में बिल्डरों के स्थानों पर छापेमारी
आपको बता दें कि शनिवार को आयकर विभाग में टैक्स चोरी के मामले में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े ओरिस समूह और उससे संबंधित कंपनियों के परिसर पर छापेमारी की गई। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बताया है कि छापेमारी उत्तर पश्चिम क्षेत्र के अधिकारियों ने की है। इससे पहले आईटी की टीम ने शुक्रवार को समूह के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुड़गांव स्थित परिसरों की तलाशी ली थी। इनकम टैक्स ने पिछले दो दिनों में दिल्ली एनसीआर में विभिन्न बिल्डरों के कई स्थानों पर छापेमारी की है।
जालसाजी के लिए की गई थी एफआईआर
आईटी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऑरिस ग्रुप को 2011 में यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 22d में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ग्रीन बे गोल्फ विलेज के लिए जमीन आवंटित की थी। हालांकि इस वर्ष 28 फरवरी तक समूह पर यमुना एक्सप्रेसवे का 761.99 करोड रुपए बकाया था और समूह आवास श्रेणी में सबसे बड़ा डिफॉल्टर था। यह रियल एस्टेट समूह जून 2018 में उसे समय विवाद में आ गया। जब यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को अपने ऑडिट में धोखाधड़ी का पता चला। इसके बाद नोएडा पुलिस की ओर से ग्रीन वे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेज की जालसाजी के लिए एफआईआर की गई थी।