बिल्डर के ख़िलाफ़ नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से मिले रेजीडेंट्स, लगाई ये गुहार

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पॉश सोसायटी महागुन माइवुड्स के रेजिडेंट्स ने प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी और ओएसडी से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने बिल्डर की गलत नीतियों को सीईओ के सामने रखते हुए अफसरों को बताया कि माईवुडस बिल्डर अपने अधूरे प्रोजेक्ट से छुटकारा पाने के लिए एओए बनाने का प्रयास कर रहा है। जिसका निवासियों ने सोसाइटी में एकत्रित होकर विरोध कर रहे है। रेजीडेंट्स ने सोसायटी में इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी, मरम्मत और अन्य मुद्दे उठाए थे, जिनसे बचने के लिए बिल्डर ने एओए बनाने का रास्ता अपना रहा है।
आधे से ज्यादा फ्लैट्स की रजिस्ट्री बकाया
सीईओ के सामने निवासियों ने बताया कि आधे से ज्यादा फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हुई है। बकाया धनराशि जमा नहीं करने की वजह से बिल्डर को ओसी नहीं मिली है। बिल्डर सोसायटी के कुछ रेजिडेंट्स को गुमराह करके एओए बनाया है। रेजीडेंट्स ने बताया कि बिल्डर पर करीब एक करोड़ रुपये का अथॉरिटी के पानी का बिल बकाया है। इसके अलावा डेढ़ करोड़ का बिजली का बिल बकाया है, जबकि सभी निवासियों से बिल्डर बिजली बिल के रूप से एडवांस पैसा ले रहा है। सोसाइटी के स्विमिंग पूल के नीचे बेसमेंट बनाया हुआ है। जिसकी वजह से इंफ्रस्ट्रक्चर को नुकसान हो रहा है।
अफसरों ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन
सोसाइटी के अन्य लोगों ने बताया कि सोसाइटी में 7 टॉवरों के लगभग फ्लैट मालिकों की रजिस्ट्री प्राधिकरण द्वारा ओसी नही दिए जाने की वजह से लटकी हुई है। जिसका कारण प्राधिकरण का बिल्डर पर करोड़ों रुपये बकाया है। सीईओ ने निवासियों की सभी समस्याओं और बातों को सुनकर ओएसडी सौम्या श्रीवास्तव के पास भेजा और समाधान करवाने के लिए कहा गया है। ओएसडी सौम्या श्रीवास्तव ने कहा कि रेजिडेंट्स का यह पहला ऐसा वर्ग है, जो एओए को अभी रोकने और प्रोजेक्ट पूरा होने पर बनाए जाने की सही बात कर रहा है। फिलहाल अफसरों ने निवासियों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।