Devi laxmi vahan: देवी लक्ष्मी क्यों करती हैं उल्लू की सवारी? जानने मात्र से बन जाएगा आपका दिन

Devi laxmi vahan: हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को विभिन्न धार्मिक अवसरों पर पूजा जाता है. देवी लक्ष्मी को धन की देवी मानते है. जोकि किसी भी व्यक्ति को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं. प्रत्येक शुक्रवार के दिन विशेष तौर पर देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. देवी लक्ष्मी से जुड़ी कुछ एक बातों के बारे में तो आप अवश्य जानते होंगे.
देवी लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी लक्ष्मी का प्रिय वाहन उल्लू है? यदि आपको भी यह जानकर आश्चर्य हुआ, तो आज हम आपको देवी लक्ष्मी और उल्लू से जुड़ी इसी रोचक पौराणिक कथा के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं...
देवी लक्ष्मी और उल्लू की सवारी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब सभी देवी देवता अपना वाहन अलग-अलग पशु पक्षियों को बना रहे थे. उस दौरान देवी लक्ष्मी ने काफी सोचा, लेकिन वह अपना वाहन नहीं चुन सकी. जिस पर देवी लक्ष्मी ने सभी पशु-पक्षियों से कहा कि कार्तिक अमावस्या वाले दिन वह धरती पर आकर किसी एक पशु या पक्षी को अपना वाहन बनाएंगी.
ऐसे में जो भी पशु या पक्षी सबसे पहले मेरे पास पहुंचेगा, उसे मैं अपना वाहन चुन लूंगी. लक्ष्मी के ऐसा कहते ही सारे पशु-पक्षियों में होड़ मच गई और जब कार्तिक अमावस्या आई. ऐसे में जब अमावस्या की काली अंधेरे आई, तब केवल उल्लू ही एक ऐसा पक्षी था. जिसने अपनी तीव्र नजरों से देवी लक्ष्मी को आते हुए देख लिया और वह तुरंत ही देवी लक्ष्मी के पास पहुंच गया.
जिसके बाद देवी लक्ष्मी ने प्रसन्न होकर उल्लू को अपना वाहन बना लिया. कहते हैं तब से ही देवी लक्ष्मी उल्लूक वाहिनी के नाम से भी जानी जाती है. हिंदू धर्म में उल्लू को देवी लक्ष्मी के कारण धन का कारक माना जाता है. उल्लू के भीतर रात्रि में देखने और सुनने की तीव्र शक्ति मौजूद है, वह शीत ऋतु में भी उड़ पाता है इसकी आंखें काफी तीव्र होती हैं, हालांकि कई लोग उल्लू को अशुभ मानते हैं लेकिन देवी लक्ष्मी का वाहन होने की वजह से उल्लू पूजनीय हैं.
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