Ganesh chaturthi 2023: गणपति जी को घर लाने के कितने दिन बाद करें विसर्जन, जानें विधि, मुहूर्त और कारण

गणेश चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था, तब से गणेश चतुर्थी का पर हर साल मनाने की परंपरा है.
 
Ganesh chaturthi 2023
Image Credit:- wikimedia commons

Ganesh chaturthi 2023: इन दिनों लोग अपने घरों में गणपति जी को स्थापित करके उनकी विधि-विधान से पूजा अर्चना कर रहे हैं. गणेश चतुर्थी के दिन से लोग अपने घरों में गणेश जी (ganesh ji) की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और फिर करीब 10 दिनों तक गणपति जी की आराधना करते हैं.

गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) का पर्व हिंदू धर्म में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश जी (Lord ganesha) का जन्म हुआ था, तब से गणेश चतुर्थी का पर हर साल मनाने की परंपरा है. हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय देवता की उपाधि दी गई है.

किसी भी शुभ और मंगल कार्य से पहले गणेश जी की उपासना की जाती है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको गणेश विसर्जन की विधि और मुहूर्त के विषय में बताएंगे. इसके साथ यह भी बताएंगे कि गणेश स्थापना (ganesh sthapana) के बाद गणेश विसर्जन क्यों किया जाता है? चलिए जानते हैं... 

गणेश विसर्जन के नियम

गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) वाले दिन भगवान गणेश की स्थापना करने के 10 दिन बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. हिंदू धर्म में गणेश स्थापना के बाद अनंत चतुर्दशी (anant chaturdashi) वाले दिन गणेश विसर्जन किया जाता है, लेकिन यदि किसी कारणवश आप गणेश जी का विसर्जन पहले करना चाहते हैं. तब आप गणेश स्थापना के 1, 3, 7 या 11 वें दिन बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं.

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गणेश विसर्जन की विधि

  •   गणेश जी का विसर्जन करने से पहले उनकी विधि-विधान से पूजा अवश्य करें.
  •  गणेश जी का विसर्जन करते समय आपको सबसे पहले पवित्र नदी के पैर छूकर उसका पानी गमले या किसी बर्तन में भर लेना है.
  •  इसके बाद गणेश जी की मूर्ति को धीरे-धीरे पानी में डालना है और गणेश जी का मंत्र बोलना है. आप चाहे तो गणेश जी की आरती भी गा सकते हैं.
  •  उसके बाद मूर्ति जब तक पानी में गल ना जाएं, तब तक वही मौजूद रहे. गणेश जी की मूर्ति के साथ नारियल, पान, मोदक, सुपारी और दूर्वा आदि गणेश जी को प्रिय सभी चीजें भी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें.
  •  इस दौरान गणपति जी से जीवन के सारे संकट हरने और दुबारा आने की कामना करें. साथ ही गणेश जी से भूल चूक के लिए माफी अवश्य मांगे.
  •  कई लोग घर में भी गणेश जी का विसर्जन करते हैं, इस दौरान गणेश जी का विसर्जन करते समय गंगाजल का इस्तेमाल करना है, और तांबे या स्टील के बर्तन में गणेश जी की प्रतिमा विसर्जित करनी चाहिए.
  • इसके बाद पवित्र नदी के पानी या घर पर विसर्जन में इस्तेमाल किए गए जल को दूर्वा घास के पौधे या और किसी पवित्र पौधे में डाल दें.

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

अगर आप अनंत चतुर्दशी यानी कि गणेश चतुर्थी के 11 दिन गणपति विसर्जन करना चाहते हैं, तब आप 28 सितंबर को चार पहर में गणेश जी का विसर्जन कर सकते हैं. इस दौरान आप प्रातः काल 5:00 से लेकर 7:00 तक, सुबह 10:00 से लेकर दोपहर 2:00 तक, शाम 4:00 से लेकर शाम 5:00 बजे तक और 5:00 से लेकर 8:40 तक, देर रात्रि 11:40 से लेकर 1:10 तक आप गणेश जी का विसर्जन कर सकते हैं.

गणेश विसर्जन का कारण

महाभारत की कथा के अनुसार, जब महर्षि वेदव्यास महाभारत की कथा सुना रहे थे. इस दौरान गणपति जी ने लगातार 10 दिनों तक बिना अन्न और जल ग्रहण किए लेखन कार्य जारी रखा. इस वजह से गणेश जी के शरीर का तापमान काफी गर्म हो गया और जब महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की कथा गणेश जी को सुनने के बाद आंखें खोली, तब उन्होंने गणेश जी के शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिए गणेश जी को जल में डुबो दिया, तब से हर साल अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन किया जाता है.

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