Hariyali Teej 2023: तीज के दिन बहुएं क्यों देती है सास को बायना, क्या है कारण? 

हरियाली तीज वाले दिन महिलाएं विशेष तौर पर माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं.
 
Hariyali Teej 2023
Image Credit:- wikimedia commons

Hariyali Teej 2023: तीज का पर्व सावन महीने में मनाया जाता है. यह पर्व मुख्य तौर पर भारतीय स्त्रियों द्वारा उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. इस साल तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी. तीज के दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की अराधना करती हैं.

इस दिन महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं और अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत का विधि-विधान से पालन करती हैं. तीज वाले दिन महिलाएं विशेष तौर पर हरे रंग के वस्त्र पहनती है और अपनी सास व नन्द को बायना देती हैं. तीज व्रत वाले दिन नन्द और सास को बायना क्यों दिया जाता है? इस बारे में आगे हम जानेंगे... 

हरियाली तीज के दिन बायने का महत्व

हरियाली तीज वाले दिन महिलाएं विशेष तौर पर माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान पूजा के बाद जब दान-पुण्य करने के लिए आवश्यक सामग्री निकाली जाती है, तब हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार उन सामग्रियों को महिलाएं अपनी सास या नन्द को दे सकती हैं. जिसे ही बायना कहा जाता है.

ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है. इसके साथ ही सास-बहू और नन्द के साथ आपके रिश्ते मजबूत बने रहते हैं. आप बायने के तौर पर सास और नन्द को सोलह श्रृंगार का सामान, मिठाइयां (घेवर), साड़ी, फल आदि के अलावा थाली में बाजरी, मोंठ और रुपए भी दे सकती हैं. बायना देने से पहले अपनी सास के पैर छूकर आशीर्वाद लें, उसके बाद थाली में रखा बायना सास को दे दें.

ध्यान रहे आपकी थाली में रोली चावल भी रखे होने चाहिए, इसके बिना आपका बायना अधूरा माना जाता है. तीज के अवसर पर जो भी महिलाएं अपनी सास और नन्द को बायना देती हैं, उनकी गृहस्थी सुचारू रूप से  चलती है और सुख-शांति व समृद्धि के साथ व्यतीत होती है.

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