Janmashtami Special: श्री कृष्ण को क्यों कहा जाता है गोविंद? बेहद रोचक है कहानी

Janmashtami Special: भारतवर्ष में 6 और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जा रही है. जन्माष्टमी (janmashtami) वाले दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण जन्म द्वापर युग में भादों महीने की अष्टमी तिथि को जन्म दिया था, तबसे भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है.
भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने द्वापर युग में जन्म लेकर कई सारे राक्षस और असुरों का वध किया था और संसार भर में अधर्म का नाश करके धर्म की स्थापना की थी. ऐसे भगवान श्री कृष्ण (Lord krishna) को अनेक नामों जैसे बांके बिहारी, लड्डू गोपाल, कन्हैया, रणछोड़, ग्वाला, श्याम, हरि आदि से जाना जाता है.
भगवान श्री कृष्ण का एक नाम गोविंद (Govinda) भी बेहद लोकप्रिय हैं. महाभारत काल के समय पांडवों की पत्नी द्रौपदी श्री कृष्ण को गोविंद कहा करती थी. ऐसे में भगवान श्री कृष्ण का नाम गोविंद कैसे पड़ा, हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे.
क्यों कहा जाता है श्रीकृष्ण को गोविंद?
महाभारत (Mahabharat) काल के दौरान भगवान श्री कृष्ण को द्रौपदी (Draupadi) गोविंद कहकर पुकारती थी. जब महाभारत काल के समय द्रोपदी का चीर हरण हुआ था, तब उन्होंने यह श्लोक कहा था "गोविंद पुंडरीकाक्षा, रक्षा सारंनागतम". इसके अलावा कई सारी गीतों में भी श्री कृष्ण को गोविंद कहकर संबोधित किया गया है.
भगवान श्री कृष्ण का नाम गोविंद इसलिए पड़ा, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण गोकुल में गौ चराते थे और यहां विंद से तात्पर्य धरती को आनंदित करने वाला है. भगवान श्री कृष्ण के नाम गोविंद में गो के दो अन्य अर्थ भी मौजूद है, धरती और इंद्रियां.
इस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण जिन्होंने धरती पर अवतार लेकर संपूर्ण मानव समाज की रक्षा की और प्रत्येक व्यक्ति की इंद्री को आनंदित किया, इस वजह से भगवान श्री कृष्ण को गोविंद कहकर पुकारा जाता है.
भगवान श्री कृष्ण के सखा अर्जुन (Arjun) भगवान श्री कृष्ण को माधव कहकर संबोधित किया करते थे और उनकी सखी द्रौपदी श्री कृष्ण को गोविंद कहा करती थी.
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