Shani Dev: शनि देव की पत्नी ने क्यों दिया था उन्हें श्राप, जानें पौराणिक कथा
Shani Dev: हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता की आराधना का दिन है. न्याय के देवता के तौर पर शनिदेव की आराधना होती है. शनिदेव हर व्यक्ति को उसके अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मों का बुरा फल देते हैं. जिस कारण प्रत्येक व्यक्ति शनि देव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करता है, ताकि वह शनि देव को खुश कर सके.
ऐसा माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति के ऊपर शनि की बुरी दृष्टि पड़ जाए उस व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक संकट झेलने पड़ते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि की दृष्टि को बेहद खतरनाक बताया गया है, जिससे बचाव के भी अनेक उपाय सुझाए गए हैं.
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति शनि के प्रकोप का सामना करता है, वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में परेशानियां झेलता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि देव आज भी अपनी पत्नी द्वारा दिए गए श्राप को भोग रहे हैं? शनिदेव और उनकी पत्नी से जुड़ी इस पौराणिक कथा के बारे में आगे हम जानेंगे. तो चलिए जानते हैं...
शनि देव और उनकी पत्नी
शनिदेव की कुल 8 पत्नियां हैं, जिनके नाम ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कंटकी, तुरंगी महिषी और अजा है. ऐसा माना जाता है व्यक्ति शनिदेव की इन पत्नियों के नाम का जाप करता है, वह जीवन में बड़े से बड़े संकट का सामना आसानी से कर लेता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव जब एक बार भगवान श्री कृष्ण की उपासना कर रहे थे. तब उनकी पत्नी ने उनसे बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में इतना लीन हो गए कि उनका ध्यान अपनी पत्नी की तरफ नहीं गया.
जिस वजह से उनकी पत्नी को क्रोध आया और उन्होंने शनिदेव को श्राप दिया कि जिस भी व्यक्ति पर शनि की दृष्टि पड़ेगी, उसका अवश्य ही नुकसान होगा. शनिदेव की पत्नी द्वारा दिए गए इस श्राप का असर आज संपूर्ण मानव जाति झेल रही है. यही कारण है कि हर व्यक्ति शनि देव की बुरी दृष्टि से बचना चाहता है और उसके लिए वह शनिदेव को सदा प्रसन्न करने का प्रयास करता रहता है.
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