अहमद फ़राज़ के 10 मशहूर शेर

Ahmad Faraz Shayari in Hindi: 'किताबों में मेरे फसाने ढूंढते है...'

"किताबों में मेरे फसाने ढूंढते है, नादां है गुज़रे ज़माने ढूंढते हैं।"

"आँखों में हया होतो पर्दा दिल का ही काफी है,नहीं तो नकाबो से भी होते है इशारे मोहब्बत के।"

"कांच की तरह होते है गरीबों के दिल फ़राज़, कभी टूट जाते है तो कभी तोड़ दिए जाते हैं।"

अपने ही होते है जो दिल पे वार करते है फराज,वरना गैरो को क्या खबर की दिल की जगह कौन सी है।

"वो रोज़ देखता है डूबे हुए सूरज को फ़राज़, काश मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।"

"इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं फ़राज़, हमने आँसू क्या पिए सारे मौसम रो पड़े।"

"अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें, जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।"

"न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते है, अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं।"

"भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब, कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा हैं।"

"हम तिरे शौक़ में यूँ ख़ुद को गँवा बैठे है, जैसे बच्चे किसी त्यौहार में गुम हो जाएँ।"