अहमद फ़राज़ के 10 चुनिंदा शेर

Ahmad Faraz shayari in hindi: 'कांच की तरह होते है गरीबों के दिल फ़राज़...'

"कांच की तरह होते है गरीबों के दिल फ़राज़, कभी टूट जाते है तो कभी तोड़ दिए जाते हैं।"

"रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।"

"सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती है, सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं।"

"ये ख़्वाब है ख़ुशबू है कि झोंका है कि पल है, ये धुँद है बादल है कि साया है कि तुम हो।"

"वो रोज़ देखता है डूबे हुए सूरज को फ़राज़, काश मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।"

"किताबों में मेरे फसाने ढूंढते है, नादां है गुज़रे ज़माने ढूंढते हैं।"

"आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा, वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा।"

"किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल, कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।"

"सुना है लोग उसे आँख भर के देखते है, सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं।"

"जुदाइयाँ तो मुक़द्दर है फिर भी जान-ए-सफ़र, कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं।"