बशीर बद्र के 10 शानदार शेर
Bashir Badr shayari in hindi: 'उड़ने दो परिंदों को अभी...’
News Room
Wed, 06 Sep 2023
"उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में, फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।"
"दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा न हों।"
"हम भी दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा।"
"कोई काँटा चुभा नहीं होता, दिल अगर फूल सा नहीं होता।"
"इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी, लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे।"
"जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।"
"सात सन्दूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें, आज इंसान को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत।"
"हम अभी तक हैं गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारों, ठोकरें खा के सुना था कि सम्भल जाते हैं।"
"शौहरत की बुलन्दी भी पल भर का तमाशा है, जिस डाल पर बैठे हो वो टूट भी सकती हैं।"
"गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोते है, मुहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं।"