मुनीर नियाज़ी के 10 चुनिंदा शेर

Muneer Niyazi shayari in hindi: 'माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे...’

"माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं, किस का माँगी हुई दौलत से भला होता है।"

"लोग नाहक किसी मजबूर को कहते है बुरा, आदमी अच्छे है पर वक़्त बुरा होता है।"

"क्यों ‘मुनीर’ अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा, जितना तक़दीर में लिखा है अदा होता है।"

"अपने घर को वापस जाओ रो–रो कर समझाता है, जहाँ भी जाऊँ मेरा साया पीछे–पीछे आता है।"

"उसको भी तो जाकर देखो उसका हाल भी मुझसा है,चुपचुप रहकर दुख सहने से तो इंसान मर जाता है।"

"ख़्वाहिशें है घर से बाहर दूर जाने की बहुत, शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था।"

"कौन कहता है कि मौत आएगी तो मर जाऊंगा, मैं तो दरिया हूं समंदर में उतर जाऊंगा।"

"मुद्दत के ब’अद आज उसे देख कर ‘मुनीर’, इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया।"

"जानता हूँ एक ऐसे शख़्स को मैं भी ‘मुनीर’, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं।"

"ख़याल जिसका था मुझे ख़याल में मिला मुझे, सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे।"