फ़ैज़ अहमद फै़ज़ के 10 शानदार शेर

Faiz Ahmed Faiz shayari in hindi: ‘दिल ना-उमीद तो नहीं...’

"दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है।"

“और भी दुख है ज़माने में मोहब्बत के सिवा, राहतें और भी है वस्ल की राहत के सिवा।"

“कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब, आज तुम याद बे-हिसाब आए।"

“जानता है कि वो न आएँगे, फिर भी मसरूफ़-ए-इंतिज़ार है दिल।"

”आप की याद आती रही रात भर, चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर।"

"नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही, नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही।"

"लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे, अब भी दिलकश है तेरा हुस्न मगर क्या कीजे।"

"तुम्हारी याद के जब ज़ख्म भरने लगते है, किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते हैं।"

"राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया, दिल बहुत कुछ जला के देख लिया।"

"तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात, तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है?"