गुलज़ार साहब के 10 चुनिंदा शेर

Gulzar Sahab shayari in hindi: 'दौलत नहीं शोहरत नहीं, न वाह चाहिए...’

"दौलत नहीं शोहरत नहीं, न वाह चाहिए , ‘कैसे हो?’ बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए।"

"कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है, कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।"

"हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।"

"कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल, जब हम बदलते है तुम शर्ते बदल देते हो।"

"वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी हैं।"

"खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते है, हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं।"

"हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में, रुक कर अपना ही इंतज़ार किया।"

"बहुत अंदर तक जला देती है, वो शिकायते जो बया नहीं होती।"

"हम तो समझे थे कि हम भूल गए है उनको, क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?"

"शोर की तो उम्र होती है, ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।"