जॉन एलिया के 10 शानदार शेर

Jaun Elia shayari in hindi: 'नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी...'

"नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी, तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम।"

"कौन इस घर की देख-भाल करे, रोज़ इक चीज़ टूट जाती है।"

"ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को, अपने अंदाज़ से गँवाने का।"

"मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें, मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।"

"उस गली ने ये सुन के सब्र किया, जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं।"

"ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता, एक ही शख्श था जहाँ में क्या।"

"महक उठा है आँगन इस ख़बर से, वो ख़ुशबू लौट आई है सफ़र से।"

"यूं जो तकता है आसमान को तू, कोई रहता है आसमान में क्या।"

"दिल-ए-बर्बाद को आबाद किया हैं मैंने, आज मुद्दत में तुम्हे याद किया है मैंने।"

"ज़िंदगी किस तरह बसर होगी, दिल नहीं लग रहा मुहब्बत में।"