साहिर लुधियानवी के 10 चुनिंदा शेर

Sahir Ludhianvi shayari in Hindi: 'कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया...'

"कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया, बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया।"

"पेड़ों के बाज़ुओं में महकती है चांदनी, बेचैन हो रहे है ख़यालात क्या करें।"

"ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ, मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया।"

"जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी।"

"अरे ओ आसमां वाले बता इस में बुरा क्या है, ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएं।"

"इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के, आज तक सुलगते है ज़ख़्म रहगुज़ारों के।"

"आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें, हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं।"

"साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक, दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें।"

"इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ, जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से।"

"हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।"