Iran vs Afghanistan : पानी को लेकर क्यों हो रही ईरान और तालिबान के बीच भिड़ंत, जानें पूरा विवाद

Iran vs Afghanistan : अफगानिस्तान और ईरान के बीच हेलमंद नदी के पानी को लेकर हो रहा विवाद कोई नया नहीं है। दोनों देशों के बीच हमेशा से विवाद होता आया है। इस बीच तालिबान ने सीमा पर हजारों लड़ाके और आत्मघाती हमलावरों को भेजा है।
 
Iran vs Afghanistan

हेलमंड नदी के पानी को लेकर इन दिनों अफगानिस्तान में शासन करने वाले तालिबान और ईरान के ​बीच तनाव बढ़ गया है। आलम ये है कि दोनों देशों के बीच युद्ध तक की नौबत आ चुकी है। तालिबान ने सीमा पर हजारों लड़ाके और आत्मघाती हमलावरों को भेजा है। दरअसल, मई में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अफगानिस्तान को जल समझौते का सम्मान करने या फिर नतीजा भुगतने को तैयार रहने की चेतावनी दी थी। जिसपर जवाब देते हुए तालिबान की तरफ से ईरान का मजाक उड़ाया गया और 20 लीटर पानी का कंटेनर गिफ्ट के तौर पर भेज दिया गया था। वहीं तालिबान नेता ने कहा था कि ईरान इस तरह की धमकी देना बंद करे। जाहिर है कि अफगानिस्तान पिछले काफी समय से ग्लोबल वार्मिंग की मार झेल रहा है। जिसके चलते देश में जल संसाधन में तेजी से कमी आ रही है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

हमेशा से होता आया विवाद

बता दें कि अफगानिस्तान और ईरान के बीच हेलमंद नदी के पानी को लेकर हो रहा विवाद कोई नया नहीं है। दोनों देशों के बीच हमेशा से विवाद होता आया है। दरअसल, हेलमंद अफगानिस्तान की नदी है, जो एक हजार किलोमीटर लंबी है। यह अफगानिस्तान से पूर्व की दिशा में बहते हुए ईरान जाती है। 1950 में अफगानिस्तान ने नदी पर दो बड़े बाधों का निर्माण कराया जिससे ईरान को हेलमंद नदी से मिलने वाला पानी सीमित हो गया। इसी से नाराज होकर ईरान ने अफगानिस्तान से रिश्ते खत्म करने की धमकी दी।

दोनों देशों के बीच हुआ समझौता

साल 1973 मे अफगानिस्तान और ईरान के बीच एक समझौता हुआ जिसमें तय हुआ कि सामान्य परिस्थितियों में अफगानिस्तान, ईरान के लिए पर्याप्त नदी का पानी छोड़ेगा। लेकिन यह समझौता कभी ठीक से लागू नहीं हुआ और इसे लेकर ही दोनों देशों के बीच लगातार तनाव रहता है। जाहिर है कि हेलमंद नदी अफगानिस्तान की सबसे बड़ी नदी है, जिसपर यहां की कृषि और लाखों लोग आधारित हैं। वहीं ईरान के लाखों लोग भी इस नदी पर आधारित हैं। इसलिए उसका कहना है कि तालिबान ने पानी की सप्लाई को कम कर दिया है।

ईरान ने तालिबान पर लगाया आरोप

वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानानी ने कहा, तालिबानी सरकार बिना किसी जानकारी के पानी की सप्लाई कम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2021 से ही ईरान पानी की सप्लाई का विषय उठाता रहा है। वहीं तालिबान के प्रवक्ता ने मई मे ही कहा था कि समझौते में इस बात का जिक्र था कि सूखे के समय पानी को अजस्ट किया जा सकता है। लेकिन ईरान बातचीत करने को तैयार नहीं है और युद्ध को तैयार हो गया है।

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