पाकिस्तान में आम चुनाव का क्या है प्रोसेस? कैसे चुनते हैं प्रधानमंत्री यहां जानें

Pakistan General Election 2023 : पाकिस्तान में उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन महीने के यहां अंदर आम चुनाव हो सकते हैं। जाहिर है कि पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही नेशनल असेंबली को भंग किया गया है।
 
Pakistan General Election 2023
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पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने पिछले दिनों 9 अगस्त को संसद भंग कर दी थी। जिसके बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से संसद भंग करने की अनुमति दे दी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यहां अगले तीन महीने के अंदर आम चुनाव हो सकते हैं। जाहिर है कि पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही नेशनल असेंबली को भंग किया गया है। जिसके बाद मुल्क केयरटेकर सरकार के सहारे हो गया है। आइए जानते है कि केयरटेकर सरकार क्या है। साथ ही यहां आम चुनाव और प्रधानमंत्री बनाने का पूरा प्रोसेस क्या है।

90 दिन के अंदर कराने होंगे चुनाव

पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, नेशनल असेंबली अपना कार्यकाल पूरा करती है तो चुनाव आयोग को दो महीने के भीतर देश में नए चुनाव कराने होंगे। वहीं अगर असेंबली कार्यकाल पूरा करने से पहले ही भंग की गई है तो 90 दिन के भीतर चुनाव आयोग को देश में आम चुनाव कराने होते हैं। ऐसे में अब राजनीतिक दलों को चुनाव की तैयारियों के लिए 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा।

पाकिस्तान केयरटेकर सरकार के हवाले 

पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 52 अनुसार, सरकार के पांच साल जब पूरे हो जाते हैं तो नेशनल असेंबली भंग करना होता है। संसद को भंग करने का मतलब होता है कि देश में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाली है। वहीं आर्टिकल 58 के अनुसार, अगर राष्ट्रपति पीएम की सिफारिश पर 48 घंटों के भीतर असेंबली भंग नहीं करते तो ऐसी स्थिति में असेंबली खुद को भंग मान लेती है। जिसके बाद एक नोटिफिकेशन जारी होता है। शहबाज सरकार के बाद अब देश की जिम्मेदारी केयरटेकर सरकार संभालेगी।

पहले जानें क्या है केयरटेकर सरकार

शहबाज सरकार की विदाई के बाद जब तक पाकिस्तान में चुनाव प्रक्रिया के जरिए नई सरकार का गठन नहीं होता जब तक देश की बागडोर केयरटेकर सरकार संभालेगी। यह सरकार देश में निष्पक्ष चुनाव के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी। केयरटेकर सरकार में भी प्रधानमंत्री की नियुक्ति होती है। प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता की आम सहमति से राष्ट्रपति को केयरटेकर प्रधानमंत्री के नाम की सिफारिश की जाती है। जिसके बाद राष्ट्रप ति उनकी मंजूरी करते हैं। 

क्या काम करेगी केयरटेकर सरकार

फिलहाल पाकिस्तान में चुनाव होने तक केयरटेकर सरकार देश को नियमित रूप से चलाने का काम करेगी। देश के सभी राजनीतिक दल के प्रति निष्पक्ष रहकर काम करने और यहां के माहौल को चुनाव के लिए अनुकूल बनाने का काम करेगी। हालांकि देश के प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने, वैश्विक मामलों में दखल देने, अंतरराष्ट्रीय वार्ता में शामिल होने, अंतरराष्ट्रीय बाध्यकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर और देश के प्रमुख सरकारी अधिकारियों का तबादला करने जैसे काम केयरटेकर सरकार के हाथ में नहीं होंगे। 

यह है प्रधानमंत्री बनने का पूरा प्रोसेस

बता दें कि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के सदस्य के लिए चुनाव कराए जाते हैं। वर्तमान में नेशनल असेंबली में 342 सीटें हैं, जिनमें से 243 सीटों पर चुनाव कराए जाते हैं। जबकि बाकी की 70 सीटों को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित रखा जाता है। वहीं 10 सीटें पाकिस्तान की पारंपरिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं।

नेशनल असेंबली मेंबर ऐसे चुनते हैं पीएम

जाहिर है कि पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है तो यहां प्रधानमंत्री भी एक मुस्लिम ही बनता है। नेशनल असेंबली का नेता चुनने के लिए सदन में सबसे पहले स्पीकर के आदेश पर घंटी बजाकर सभी नेशनल असेंबली सदस्यों कोल चैंबर में बुलाया जाता है। इसके बाद स्पीकर नॉमिनेटेड कैंडिडेट्स के नाम का एलान करते हैं। वोटिंग के बाद जब तक वोटों की गिनती नहीं होती तब तक असेंबली मेंबर्स को चैंबर में आने का आदेश नहीं है। बता दें कि वोटों की तुरंत गिनती होती है। इसके बाद स्पीकर मतदान के परिणाम की घोषणा करते हैं।

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