Russia-Ukraine War: डेढ़ साल से चल रहे इस युद्ध का होगा अंत? जानें कैसे रुकती है लड़ाई

Russia-Ukraine War : जब दो मुल्कों के बीच वॉर होती है तो इसे आमतौर पर शांति वार्ताओं से नहीं रोका जा सकता है। यह तभी थमती है जब किसी एक ही हार हो। आइए जानते हैं कि दो देशों की लड़ाई को कैसे रोका जा सकता है।
 
Russia Ukraine War
Image Credit : Wikipedia

रूस और यूक्रेन की लड़ाई को देखते हुए तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई जा रही है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि रूस से दुश्मनी रखने वाले कई देश गुपचुप तौर पर लड़ाई का हिस्सा बन रहे हैं। ऐसे में डर है कि कहीं दोनों की लड़ाई सबको अपनी चपेट में ले लेगी या फिर कोई इंटरनेशनल एजेंसी सुलह करा पाएगी। जाहिर है कि जब दो मुल्कों के बीच वॉर होती है तो इसे आमतौर पर शांति वार्ताओं से नहीं रोका जा सकता है। यह तभी थमती है जब किसी एक ही हार हो। ऐसे में जानना जरूरी हो गया है कि आखिर दो देशों की लड़ाई को कैसे रोका जा सकता है। 

इस तरह से हुई लड़ाई खत्म

बता दें कि साल 1918 में जब पहले वर्ल्ड वॉर का अंत हुआ तो असल में दुनिया कन्फ्लिक्ट ट्रैप में फंस गई थी। यह वो स्थिति होती है, जो युद्ध के तुरंत बाद आती है और दशकों तक चलती है। देश में गरीबी होती है। आंतरिक तनाव रहता है। कई गुट बन जाते हैं। ये सबकुछ मिलाकर एक नए युद्ध की जमीन तैयार हो रही होती है। दरअसल, पहला विश्व युद्ध क्लीयर-कट जीत या हार नहीं था। यह वो समय था जब जर्मनी और जापान तेजी से सबको नुकसान पहुंचा रहे थे। 

एक देश हारा तो एक जीता

एक समय ऐसा आया जब बहुत से देश मिलकर एक के पाले में आए और बमबारी शुरू की। हार तय दिखने के बाद हिटलर ने खुदकुशी कर ली, जबकि जापान ने सरेंडर कर दिया। इस तरह से एक पार्टी जीती, और दूसरी हारी, जिसके बाद ही दो विश्व युद्ध एक साथ खत्म हुए।

कैसे रुकता है दो देशों का युद्ध

मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट की रिसर्च के मुताबिक, दो देशों के बीच हो रहे युद्ध को रोकने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। लेकिन हर लड़ाई के बाद कुछ स्टेप्स आते हैं जैसे कि प्रिलिमिनरी टॉक। जिसे आमतौर पर देश के नेता या पीसकीपिंग संस्थाएं कराती हैं। प्रिलिमिनरी टॉक के अंर्तगत दो देश जो आपस में लड़ रहे हैं, वह साथ बैठकर बात करते हैं। इसके बाद नेगोशिएशन होता है, जिसमें शर्तें रखी जाती हैं। अगर सबकुछ ठीक रहता है तो लिखापढ़ी के साथ शांति स्थापित हो जाती है। 

दोनों देशों के बीच बना रहता है तनाव

हालांकि यहां भी बात खत्म नहीं होती। शोध केे मुताबिक, दो देशों की लड़ाई में जब तक एक पक्ष पूरी तरह से हार नहीं जाता तब तक युद्ध पूरी तरह से नहीं रुकता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव बना रहता है। ये मामला उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच भी दिखता है और अफ्रीका में भी।

सीजफायर भी है एक जरिया 

सीजफायर युद्ध को अस्थाई तौर पर रोकने का एक तरीका है। इसमें दोनों पक्ष सीमा पर किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई न करने की बात कहते हैं। हालांकि ये अस्थाई है, जिसमें टेंशन बनी ही रहती है। तनाव बने रहने पर अचानक लड़ाई छिड़ने की आशंका बनी रहती है। 

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