भारत और रूस की दोस्ती से पाकिस्तान-चीन की बढ़ने वाली है मुश्किलें, जानें कैसे

India-Russia : यूक्रेन के खिलाफ पिछले लंबे समय से चले आ रहे युद्ध के खिलाफ जब कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था तब एक भारत ही था जिसने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदना शुरू किया। जिसके कारण रूस की आर्थिक व्यवस्था सुधरी रही।
 
India-Russia
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भारत (India) और रूस (Russia) के बीच लंबे समय से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं। यह बात जगजाहिर भी है कि दोनों देशों ने समय-समय पर एक-दूसरे से दोस्ती निभाई है। साथ ही जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे का साथ दिया है। यूक्रेन के खिलाफ पिछले लंबे समय से चले आ रहे युद्ध के खिलाफ जब कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था तब एक भारत ही था जिसने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदना शुरू किया। जिसके कारण रूस की आर्थिक व्यवस्था सुधरी रही। ऐसे में रूस ने भी भारत को डिस्काउंट पर तेल की सप्लाई शुरू कर दी। 

भारत और रूस के बीच हुई थी डील

भारत और रूस की दोस्ती का ही नतीजा है कि रूस ने भारत से किए गए अपने वादे को पूरा करने का मन बना लिया है और वो भी समय पर। दरअसल, भारत और रूस लंबे समय से कई सेक्टर्स में पार्टनर्स रहे हैं। इनमें डिफेंस भी शामिल है। डिफेंस सेक्टर्स में पार्टनर्स होने के चलते ही भारत और रूस ने अक्टूबर 2018 में एक डील की थी। यह एक डिफेंस डील थी, जिसके मुताबिक, भारत ने रूस से 5 S-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स (S-400 Air Defense Systems) खरीदे थे।

बचे यूनिट्स को डिलवर करेगा रूस

बता दें कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स की दो यूनिट्स दिसंबर 2021 में और एक यूनिट अप्रैल 2022 में रूस ने भारत को डिलीवर कर दी थी। हालांकि बची हुई दो यूनिट्स 2023 के अंत तक या 2024 तक भारत को डिलीवर करने का समय तय किया गया है। हाल ही में रूस के मिलिट्री टेक्निकल को-ऑपरेशन के चीफ दिमित्री शुगाएव (Dmitry Shugaev) ने इस बात की जानकारी दी कि भारत को तय समय पर बचे दो S-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स की डिलीवरी दी जाएगी।

पाकिस्तान और चीन की बढ़ेगी टेंशन

हालांकि रूस के इस कदम से पाकिस्तान और चीन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। क्योंकि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें कई खतरनाक मिशाइलों को रोकने की ताकत है। इतना ही नहीं यह हवा में ही उन मिसाइलों को रोकने की क्षमता रखता है। इसका इस्तेमाल ग्राउंड टारगेट्स के खिलाफ भी किया जा सकता है। वहीं भारत इन सिस्टम्स को पाकिस्तान और चीन से लगे बॉर्डर्स पर पहले ही तैनात कर चुका है और नए सिस्टम्स को भी दोनों देशों से लगते बॉर्डर्स पर तैनात कर सकता है।

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