Ganesh chaturthi special: इस गणेश चतुर्थी जानें, रिद्धि-सिद्धि कैसे बनी गणेश जी की पत्नी?

Ganesh chaturthi special: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले गणेश जी को पूजा जाता है. गणेश जी (ganesh ji) जिन्हें महादेव और माता पार्वती की संतान कहा गया है. गणेश चतुर्थी वाले दिन गणपति बप्पा का जन्मोत्सव बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) की धूम महाराष्ट्र समेत समूचे भारतवर्ष में देखने को मिलती है. गणेश चतुर्थी का पर्व कल 10 दिनों तक मनाया जाता है. इन 10 दिनों तक गणेश जी के भक्त उनकी विधि-विधान से उपासना करते हैं.
आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक गणपति बप्पा की पूजा करते हैं.
ऐसे में गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर हम आपको गणपति जी (ganpati ji) के विवाह और संतानों से जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में बताने वाले हैं, इसके बारे में जानकर आप अवश्य ही प्रेरित होंगे, आईए जानते हैं...
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गणपति जी के विवाह की कहानी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब गणेश जी तपस्या कर रहे थे. तब माता तुलसी ने उनकी तपस्या भंग कर दी और उनके आगे शादी का प्रस्ताव रखा. जिस पर क्रोधित होकर गणेश जी ने माता तुलसी से विवाह करने से मना कर दिया. इसके बाद माता तुलसी ने गणेश जी को श्राप दिया कि उनके दो विवाह होंगे.
कहा जाता है इस वजह से गणेश जी के दो विवाह हुए. उनकी पत्नी का नाम रिद्धि-सिद्धि और बच्चों का नाम शुभ-लाभ है. दूसरी कथा के अनुसार कहा जाता है कि जब गणेश जी को हाथी की सूड़ लगा दी गई थी, तब उनसे विवाह करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. जिस पर गणेश जी अपनी व्यथा लेकर ब्रह्मा जी के पास गए.
ब्रह्मा जी ने अपनी मानस पुत्री रिद्धि और सिद्धि का विवाह गणेश जी के साथ तय करा दिया. कहा जाता है कि भगवान गणेश के विवाह में भी काफी अड़चनें आई थी, इस वजह से समाज में जब भी कोई विवाह होता है, तब सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है, ताकि विवाह की रस्में बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके.
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