Hariyali Teej पर महिलाएं क्यों करती हैं हरा श्रृंगार, जानें बड़ी वजह

हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग का ही श्रृंगार क्यों करती हैं? आप जानते ही होंगे कि कुछ रंग हिंदुओं के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं और हरा उनमें से एक है।
 
Hariyali Teej पर महिलाएं क्यों करती हैं हरा श्रृंगार, जानें बड़ी वजह
Hariyali Teej पर महिलाएं क्यों करती हैं हरा श्रृंगार, जानें बड़ी वजह

Hariyali Teej: क्या आपने कभी सोचा है कि हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग का ही श्रृंगार क्यों करती हैं? आप जानते ही होंगे कि कुछ रंग हिंदुओं के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं और हरा उनमें से एक है। हरे रंग को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि हरा प्रकृति का रंग है। इस कारण यह रंग जीवन और खुशहाली का प्रतीक भी माना जाता है। आपको बता दें कि शादीशुदा महिलाएं अपने पति की खुशी, तरक्की और उम्र के लिए हरी चूड़ियां पहनती हैं और वैसे इस रंग से हमारा मन भी बहुत शांत रहता है और घर में किसी भी तरह का कलह नहीं होता है।

हरा रंग देता है राहत

आपको बता दे की हरा रंग हमारी आंखों को सुकून देता है। और सावन के महीने में प्रकृति स्वयं हरियाली की चादर में लिपटी हुई होती है। बता दे की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में महिलाएं हरी चूड़ियां, कपड़े जरूर पहनती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं। क्योकि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जिसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं।

प्रकृति से है सम्भंदित है हरा रंग 

सावन को प्रकृति की सुंदरता का महीना भी माना जाता है। शास्त्रों में नारी को भी प्रकृति के समान माना गया है। प्रकृति की हरियाली की तरह महिलाओं के जीवन में भी उमंग और उत्साह है। सावन के महीने में पड़ने वाले कजरी तीज, हरियाली तीज और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर महिलाएं मेहंदी लगाती हैं। इसके अलावा महिलाएं हरी चूड़ियां, कपड़े और बिंदी का भी प्रयोग करती हैं। दरअसल, इस तरह का मेकअप प्रकृति से रिश्ते को दर्शाता है।

वैज्ञानिक कारण

हरा रंग उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। यह उर्वरता का भी प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में मौसम के प्रभाव के कारण इंसान पर कामवासना हावी हो जाती है। सावन के महीने में लगातार बारिश के कारण वातावरण में नमी के कारण कई तरह की बीमारियाँ फैलने लगती हैं। हरा रंग स्वास्थ्य वर्धक रंग माना जाता है। आयुर्वेद में इस रंग को कई बीमारियों के इलाज में कारगर माना गया है। यह भी एक कारण है कि सावन में हरे रंग को श्रृंगार में शामिल किया जाता है।

धार्मिक मान्यता

बतादे की हमारे धार्मिक ग्रंथो में हरे रंग को बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। हरा रंग धारण करने से बुध प्रबल होता है और संतान सुख की कामना पूरी होती है। इससे बुद्धि और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं व्रत और पूजा के साथ-साथ सोलह श्रृंगार भी करती हैं। यह श्रृंगार वह अपने पतिदेव के लिए करती हैं। ऐसा कहा जाता है की अगर महिलाये तीन दिन तक हरी चुडिया पहनती है ताकि उनके पति की हमेशा लम्बी उम्र ho 
 

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