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Indian Cricket plyears: इन भारतीय क्रिकेटर्स ने छुई कामयाबी और बेटों के हाथ लगी नाकामी, पढें ये खास रिपोर्ट

रोजर बिन्नी आज बीसीसाआई के अध्यक्ष हैं. तो नहीं सुनील गावस्कर कमेंट्री के मैदान पर किंग्स माने जाते हैं.
 
Indian Cricket plyears
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Indian Cricket plyears: भारतीय क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना रहा है. भारत के लिए ना जाने कितने खिलाड़ी आए और ना जाने कितने खिलाड़ी चले गए लेकिन कुछ ही खिलाड़ी ऐसे रहे जो अपनी छाप छोड़ पाए. भारत के लिए कई ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने अपने-अपने समय में बेहतरी प्रदर्शन किया है. इन खिलाड़ियों में हमेशा सुनील गावस्कर, रोजर बिन्नी, विजय मांजरेकर और कृष्णमाचारी श्रीकांत जैसे कई बड़े बड़े दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं. इन खिलाड़ियों ने भारत के लिए शानदार प्रर्शन कर कई अहम टूर्नामेंट्स पर अपना कब्जा किया. आज भी ये सभी खिलाड़ी किसी ना किसी भूमिका में क्रिकेट के मैदान से जुड़े हुए हैं. 

रोजर बिन्नी आज बीसीसाआई के अध्यक्ष हैं. तो नहीं सुनील गावस्कर कमेंट्री के मैदान पर किंग्स माने जाते हैं. कृष्णमाचारी श्रीकांत भी भारत के टीम के कई अहम दौरों पर कमेंटेटर की भूमिका में नजर आते हैं. ये खिलाड़ी आज भी सफल हैं लेकिन इनके बच्चे क्रिकेट के मैदान पर पूरी तरह असफल रहे. उन्हें वो कामयाबी नहीं मिली जो उनके पिता ने हासिल की. तो आज हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारें बताने वालें हैं जो अपने पिता के नाम को सर्थक नहीं कर पाए. 

1 - सुनील गावस्कर और रोहन गावस्कर:  भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और 1883 विश्व कप विजेता टीक के खिलाड़ी सुनील गावस्कर अपनी सदी के महान बल्लेबाजों में से एक थे. उन्होंने 125 टेस्ट मैच में 10122 रन और 108 वनडे में 3092 रन बनाए हैं. लेकिन उनके बेटे रोहन गावस्कर भारतीय टीम में जगह बनाने में तो कामयाब रहे लेकिन अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे जिस कारण वे जल्द ही टीम से बाहर भी हो गए.

2- रोजर बिन्नी और स्टुअर्ट बिन्नी: भारत के पूर्व ऑलराउंडर और बीसीसीआई के वर्तमान अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने टेस्ट मैच और वनडे मैच में शानदार प्रदर्शन किया और 1983 वर्ल्ड कप में भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने 27 टेस्ट में 830 रन और 72 वनडे में 629 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने टेस्ट में 47 और वनडे में 77 विकेट भी हासिल किए हैं. जहां एक और रोजर बिन्नी क्रिकेट में चारों ओर छाये हुए थे वही उनका बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भारतीय टीम में जगह तो बना ली लेकिन अपने पिता की तरह कामयाबी पाने में नाकाम रहे और जल्दी टीम से बाहर हो गए.

3 - विजय मांजरेकर और संजय मांजरेकर:  विजय मांजरेकर अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटरों की सूची में शामिल थे .उन्होने दिसंबर 1951 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया और एक शानदार करियर की शुरुआत करते हुए 48 रन बनाए. मांजरेकर ने अपने करियर में 55 मैचों में 3208 रन बनाए. वही दूसरी ओर उनके बेटे संजय मांजरेकर ने अपने पिता विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत के लिए 37 टेस्ट और 74 वनडे मैच खेले लेकिन अपने पिता की तरह ख्याति प्राप्त नही कर पाए.

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